लेट-लतीफी पर गोविंदा को मारा था थप्पड़

0

भारी-भरकम आवाज, सिहरन पैदा कर देने वाली मुस्कुराहट और किसी को भी डरा सकने वाली आंखें। ये थे बॉलीवुड के सबसे खतरनाक विलेन अमरीश पुरी। आज उनकी 18वीं पुण्यतिथि है। पुरी साहब जबरदस्त कलाकार थे। ये उनकी अदाकारी का ही कमाल था कि परदे पर निभाए उनके विलेन वाले किरदार चाहे मि. इंडिया का मोगैंबो हो, तहलका का डॉन्ग हो या दामिनी का इंद्रजीत सिंह चड्ढा- सारे कैरेक्टर्स अमर हैं।

उनकी विलेन वाली इमेज का रियल लाइफ में भी लोगों में इतना खौफ था कि उनके बेटे के दोस्त उनके घर आने से इसलिए घबराते थे कि कहीं पुरी साहब से सामना न हो जाए। मगर अपनी रील लाइफ के उलट अमरीश पुरी एक उम्दा और दिलदार इंसान थे। हालांकि समय के पक्के थे, इतने पक्के कि लेट-लतीफी के चलते उन्होंने एक बार गोविंदा को थप्पड़ भी जड़ दिया था। वे अपने जमाने के सबसे महंगे विलेन थे। कहा जाता है कि मि. इंडिया के लिए उनकी फीस एक करोड़ रुपए थी।

कोई 22 साल की उम्र में उन्होंने फिल्मों में आने के लिए पहला ऑडिशन दिया, तब ये कहकर उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया कि उनका चेहरा पथरीला सा है, हीरो के रोल में नहीं जचेंगे। फिर वो राज्य कर्मचारी बीमा निगम में सरकारी नौकरी पर लग गए। 20 साल से ज्यादा वहीं रहे फिर 40 की उम्र के आसपास बतौर विलेन फिल्मों में कदम रखा। बस, यहीं से उनकी जिंदगी बदली और वे भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े विलेन बनकर उभरे।

What’s your response?
0 responses
Love
Love
0
Smile
Smile
0
Haha
Haha
0
Sad
Sad
0
Star
Star
0
Weary
Weary
0

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *