इंदौर के द्वारकापुरी में 10 वीं की स्टूडेंट की ‘रहस्मयी कहानी’ से पुलिस अभी भी पर्दा नहीं उठा पाई है। वारदात को दो माह से ज्यादा का समय बीत गया। पुलिस ने इसे ट्रेस करने में एड़ी चोटी का जोर लगा दिया। लेकिन छात्रा की कहानी की सच्चाई तक नहीं पहुंच पाई। इतना ही नहीं वारदात को अंजाम देने वाले भी इस मामले में अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर ही हैं।

मामला गुरु शंकर नगर में रहने वाली प्रिया विश्वकर्मा का है। 28 दिसंबर 2022 की दोपहर जब प्रिया घर पर अकेली थी। उसने पुलिस से कहा था कि ‘घटना वाले दिन दो से अधिक बदमाशों ने उसे सिर पर डंडा मारा, अंदर ले गए तब तक मैं बेसुध हो गई थी। मुझे ऐसे ही छोड़कर चोर घर से सोने के जेवर और नगद चुरा ले गए थे।’ पूरी वारदात उन 30 से 45 मिनट के बीच हुई जब प्रिया का भाई अपनी मां को लेने घर से निकला और लौटा।

मां-भाई ने पिता के साथ पुलिस से शिकायत की। पुलिस एक सप्ताह तक अधिकारियों को बदल-बदलकर छात्रा के बयान लेती रही। लेकिन प्रिया के बयानों में कोई अंतर नहीं आया।

दिनदहाड़े लूट की वारदात हो गई। लूट के वक्त 10वीं की छात्रा घर में अकेली थी, तभी बदमाशों ने उसे बंधक बना लिया, उसके सिर पर डंडा मारकर उसे बेहोश कर दिया और घर की अलमारी से नकदी रुपए ले उड़े। लूट की ये कहानी 16 साल की पीड़ित छात्रा ने बताई।

लड़की की बताई इस कहानी में कई ट्विस्ट भी है। पीड़ित का कहना है कि उसके सिर पर डंडा मारकर उसे बेहोश किया गया, लेकिन लड़की के सिर पर चोट का कोई निशान नहीं है। दूसरा लड़की ने बताया कि अलमारी का लॉक मशीन से तोड़ा गया, लेकिन पुलिस को मौके पर लॉक टूटने जैसा कुछ नहीं दिखा। लड़की अपने बयान भी बार-बार बदल रही है।

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