पैसे नहीं थे तो लड़की को थिएटर में छोड़कर भागे
जीतेंद्र और प्रेम चोपड़ा एक समय कोलाबा में आस-पास ही रहते थे। दोनों ही इंडस्ट्री में पहचान बनाने के लिए प्रोड्यूसर्स के दफ्तरों के चक्कर काटा करते थे। रोज एक समय पर अपनी-अपनी गाड़ियों से निकलते थे और एक-दूसरे के सामने ऐसा बर्ताव करते जैसे उनके पास बहुत काम है।
एक दिन प्रेम चोपड़ा ने अपनी अकड़ छोड़कर जीतेंद्र से कहा, सुनो हम दोनों ही रोज एक समय पर निकलते हैं और साथ दफ्तरों के चक्कर काटते हैं। क्यों न हम दिखावा छोड़कर एक ही गाड़ी से जाएं, इससे हमारे पैसे भी बच जाएंगे। पहले ही तंगी में गुजारा कर रहे जीतेंद्र को ये आइडिया काफी पसंद आया। अब फैसला हुआ दिनभर के खाने के पैसे भी वो ही देगा जिसकी गाड़ी होगी।
साथ आते-जाते दोनों में गहरी दोस्ती हो गई। एक दिन दोनों प्रेम चोपड़ा की गाड़ी से जा रहे थे कि उनकी नजर सड़क से जाती दो लड़कियों पर पड़ी। एक लड़की बेहद खूबसूरत थी, जिस पर दोनों की नजरें थीं, वहीं दूसरी लड़की दोनों को पसंद नहीं आई। दोनों ने गाड़ी रोकी और उन्हें लिफ्ट दी।
जीतेंद्र ने चालाकी से सुंदर लड़की अपने साथ पीछे की सीट पर बैठा ली और दूसरी लड़की को प्रेम चोपड़ा के साथ बैठा दिया। प्रेम चोपड़ा, जीतेंद्र से ऐसा नाराज हुए कि उन्होंने तमिल में बड़बड़ाते हुए जीतेंद्र को गालियां देनी शुरू कर दीं। जब लड़की ने पूछा कि वो क्या बोल रहे हैं तो जीतेंद्र ने और चालाकी करते हुए ये कह दिया कि प्रेम को वो साथ बैठी दूसरी लड़की पसंद है। प्रेम और गुस्सा हो गए।
अब साथ जाते हुए ऐसी बात बन गई कि दोनों लड़कियों के साथ फिल्म देखने पहुंच गए। वो फिल्म थी नीला आकाश। बातचीत में पता चला कि दोनों लड़कियां मुस्लिम हैं और रमजान के महीने में उनके रोजे चल रहे हैं। लड़कियों ने दोनों से कहा कि वो उनके साथ ही इफ्तार करेंगी। ये सुनते ही दोनों हैरान, परेशान हो गए।
इंटरवल हुआ तो प्रेम चोपड़ा, जीतेंद्र को किनारे ले गए और कहा, मेरे पास इतने पैसे नहीं है। जवाब में जीतेंद्र ने कहा मेरे पास भी नहीं है। दोनों ने बेइज्जती से बचने के लिए ये हल निकाला कि क्यों न यहां से निकल लेते हैं। हुआ भी यही। दोनों बिना उन लड़कियों को खबर किए इंटरवल में ही फिल्म छोड़कर भाग निकले।