16 साल में पूरी हुई थी मुगल-ए-आजम की शूटिंग
सबसे शानदार और महंगी फिल्म बनाने वाले करीमुद्दीन आसिफ ने उस जमाने में फिल्म पर काफी खर्चा किया था। उन्होंने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था। मुगल-ए-आजम को बनाने में 16 साल लग गए और इस फिल्म में करीब 1.5 करोड़ का खर्चा भी किया गया। जो कि उस समय के हिसाब से बहुत ज्यादा था। 1960 में रिलीज हुई मुगल-ए-आजम हिंदी सिनेमा के इतिहास की सबसे सफलमत फिल्मों में से एक है। आसिफ के शानदार निर्देशन, कलाकारों की कॉस्ट्यूम, भव्य सेट्स, बेहतरीन संगीत के लिए इस फिल्म को आज भी याद किया जाता है।
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