प्रशासन ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रोग्राम की अनुमति निरस्त की
‘कर्नाटक में मुस्लिमों ने कांग्रेस को वोट दिया है। पार्टी ने वहां सरकार बना ली। अब वहां कांग्रेस बजरंग दल को बैन करे।’ जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के इस बयान के बाद महू में होने वाले मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के 28वें कन्वेंशन प्रोग्राम को निरस्त कर दिया गया है। मदनी ने यह बयान 21 मई को मुंबई के आजाद मैदान में दिया था।
इंदौर से 25 किमी दूर डॉ. अम्बेडकर नगर महू (मिलिट्री हेड क्वार्टर्स ऑफ वॉर एरिया) में 3 और 4 जून को होने वाले इस कार्यक्रम में 200 उलेमा सहित 10 हजार मुस्लिम इकट्ठा होने वाले थे। कार्यक्रम को प्रशासन ने 17 मई को अनुमति दे दी।
लेकिन जैसे ही प्रशासन को पता चला कि यहां मुसलमानों के सबसे बड़े धार्मिक संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी, AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी जैसे 80 मुस्लिम नेताओं के आने की सूचना ने प्रशासन को चिंता में डाल दिया।
सूत्रों के मुताबिक प्रशासन को इस बात का इनपुट भी मिला था कि सभा के दौरान हंगामा होने की आशंका है। इस हंगामे के पीछे बजरंग दल को बैन करने के लिए दिया गया बयान माना जा रहा था। इसके बाद प्रशासन ने बुधवार को अनुमति निरस्त कर दी।