भाजपा, कांग्रेस की राजनीतिक लड़ाई
चुनावी साल में भाजपा, कांग्रेस की राजनीतिक लड़ाई किस स्तर तक जाने लगी है, इसका अंदाजा इंदौर के पड़ोसियों के राजनीतिक मतभेद होने के ताजा मामले से सामने आया है। महिला पड़ोसी ने ही अपने समाज के एक दूसरे व्यक्ति पर केस करा दिया है। ये दोनों रोज एक-दूसरे को ‘जय परशुराम’ कहते नहीं थकते थे। केस पड़ोसी कांग्रेसी घनश्याम जोशी और करीबियों पर हुआ है, शिकायत भाजपा महिला मोर्चा की नगराध्यक्ष शैलजा मिश्रा ने की है। अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। रहवासी बताते हैं कि जोशी मिश्रा को दीदी कहकर बुलाते हैं तो मिश्रा का बेटा जोशी को मामा पुकारता है। बावजूद राजनीतिक पद-प्रतिष्ठा की लड़ाई ने मामला थाने तक पहुंचा दिया है।
24 मई की सुबह कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम जोशी, विवेक खंडेलवाल सहित अन्य बीजेपी महिला मोर्चा की नगर अध्यक्ष शैलजा मिश्रा के घर पहुंचे। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इस दौरान उन्होंने नगर अध्यक्ष से बातचीत की और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की नारी सम्मान योजना के पंजीयन फॉर्म भेंट किए और उन्हें पंजीयन कराने के लिए कहा।
उन्हें बताया की किस तरह 2023 में कांग्रेस की सरकार बनने पर इस योजना का लाभ सभी वर्गों की महिलाएं उठा सकेंगी। भले ही वह किसी भी पार्टी, किसी भी समाज या किसी भी वर्ग की हो। फॉर्म देते हुए कांग्रेसियों के नगर अध्यक्ष ने फोटो भी खिंचवाया, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
साथ ही कांग्रेस नेताओं की तरफ से कहा गया कि महिला मोर्चा की नगर अध्यक्ष ने कमलनाथ की नारी सम्मान योजना की प्रशंसा की है। ये मैसेज जैसे ही फोटो के साथ सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। बीजेपी थिंक टैंक एक्शन में आ गई। सभी पहलुओं को समझने के साथ ही महिला नगर अध्यक्ष को तलब किया।
उनसे कहा गया कि यदि समय रहते मैसेज का काउंटर या डैमेज कंट्रोल नहीं किया गया तो बहुत देर हो जाएगी। एक बार मैसेज फोटो के साथ प्रदेशभर में वायरल हो गया तो फिर कितनी ही सफाई दी जाए कि ये मिस अंडरस्टैंडिंग बनी रहेगी। गफलत में चीजें हुई है, कोई नहीं मानेगा और लोगों को समझाना भी मुश्किल होगा।
इसके बाद महिला मोर्चा की नगर अध्यक्ष मिश्रा ने कांग्रेस द्वारा जारी इस फोटो और पोस्ट का खंडन किया। बाकायदा एक वीडियो बयान उन्होंने जारी किया, जिसमें कहा कि उन्हें नहीं पता था कि नारी सम्मान योजना का फॉर्म दिया जा रहा है। उन्हें इस बारे में कुछ नहीं बताया गया। कांग्रेस नेता घनश्याम जोशी उनके पड़ोसी हैं और बाह्मण समाज के आयोजनों को लेकर वो घर आते रहते हैं तो लगा कि समाज के किसी आयोजन के संबंध में वो आए हैं। वीडियो बयान के साथ खंडन होने के बाद ये माना जा रहा था कि इस विवाद पर हम विराम लग जाएगा।