मंत्री उषा ठाकुर लव जिहाद रोकने बनाएंगी ‘महिलाओं की सेना’
पर्यटन व संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर अब महिलाओं की ऐसी सेना तैयार कर रहीं हैं,जो हथियारों से लेस होगी. उन्हें हथियार चलाने का विधिवत प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. इसे सामाजिक पुलिस का नाम दिया गया है. ये लव जिहाद और धर्मांतरण जैसी घटनाओं को रोकने में अहम भूमिका निभाएंगी और समाज की रक्षा करेंगी. हालांकि कांग्रेस इसे चुनाव से पहले प्रदेश का महौल खराब करने की तैयारी बता रही है.
इंदौर जिले की महू से विधायक और कट्टर हिंदू वादी नेता उषा ठाकुर धर्मांतरण और लव जिहाद रोकने के लिए महिलाओं की सेना बना रही हैं. नाम होगा लाडली बहन सेना. सरकार की लाड़ली बहना योजना की तर्ज पर अब वे लाड़ली बहना सेना तैयार कर रही हैं. इस सेना में ऐसी महिलाओं को शामिल किया जाएगा,जो जागृत और चैतन्य समाज के दायित्व को भली भांति समझती हों.
लाड़ली बहना सेना के बारे में कांग्रेस का कहना है ये चुनाव से पहले प्रदेश का माहौल खराब करने की तैयारी है. इससे राज्य में तनाव हो और बहुसंख्यक वोटर लामबंद हों. जिसका फायदा बीजेपी को चुनाव में मिल सके. क्योंकि बीजेपी ने विकास किया नहीं अब लोगों के बीच किस मुंह से वोट मांगने जाएंगे. इसलिए हिंदू मुस्लिम का सहारा लेने की कोशिश की जा रही है. लाड़ली बहनों के हाथों में हथियार थमाकर कानून तोड़ने की ट्रेनिंग दी जाएगी.
उषा ठाकुर जब इंदौर की विधानसभा तीन से विधायक थीं,तब भी उन्होंने उत्पाती तत्वों से निपटने के लिए महिलाओं को डंडे बांटने की घोषणा की थी. उनका मानना है शरारती तत्वों को महिलाएं खुद सबक सिखा सकती हैं. उन्हें अपनी आत्मरक्षा के लिए लाठी रखनी चाहिए. हालांकि उषा ठाकुर खुद अपने साथ कटार रखती हैं. लेकिन वो महिलाओं को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने की वकालत कर रही हैं. इससे नया बखेड़ा खड़ा हो सकता है,क्योंकि हथियार रखने के लिए लाइसेंस की आवश्यक्ता होती है. इसका लाइसेंस भी पिस्टल और रिवॉल्वर की तरह ही बनता है. 6 इंच से बड़ा धारदार हथियार रखना गैर कानूनी है.