एक्ट्रेस चांद बर्क के पोते हैं रणवीर
गुलाम भारत में चांद बर्क का जन्म 12 भाई-बहनों के बीच हुआ। चांद बर्क ने होश संभाला तो आजादी की लड़ाई और अंग्रेजों की गुलामी देखी। जब 1947 में भारत अंग्रेजों से आजाद हुआ तो भारत-पाकिस्तान का बंटवारा हुआ। इस बंटवारे में चांद बर्क अपने परिवार के साथ भारत आ पहुंचीं। बेहद सुंदर थीं तो राज कपूर ने उन्हें फिल्मों में जगह दिलाई। 1954 की बूट पॉलिश में विलेन बनकर चांद हिंदी सिनेमा का हिस्सा बनीं। वही फिल्म जिसका गाना नन्हे-मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है आज भी हर किसी की जुबां पर रहता है।
चांद बर्क लगातार फिल्मों में काम करते हुए फेमस तो हुईं, लेकिन 1955 में राइटर-फिल्ममेकर निरंजन से उनकी शादी टूट गई। एक साल बाद चांद ने बिजनेसमैन सुंदर सिंह भवनानी से शादी की। वही सुंदर जो रणवीर सिंह के दादाजी हैं।
रणवीर सिंह फिल्मों में काम पाने के लिए अपनी फोटोज और वीडियोज डायरेक्टर्स को भेजा करते थे, लेकिन उन्हें सिर्फ मामूली रोल्स ही मिल पाते थे। एक बार रणवीर एक प्रोड्यूसर की प्राइवेट पार्टी में शामिल हुए थे, जो हर न्यूकमर बड़े प्रोड्यूसर की नजर में आने के लिए करता है। उस पार्टी में उनकी मुलाकात एक बड़े प्रोड्यूसर से हुई। उस प्रोड्यूसर ने रणवीर को भगाने के लिए उनके पीछे अपना खतरनाक कुत्ता छोड़ दिया था। इस इंसिडेंट से रणवीर को बेहद ठेस पहुंची थी। ये किस्सा खुद कामयाबी मिलने के बाद रणवीर ने एक इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के दौरान सुनाया था।