भगवान शिव की भस्म आरती का रहस्य

0

भस्मारती के दौरान महाकाल शिव रूप से शंकर रूप में आते हैं, यानी निराकार से साकार रूप में प्रवेश करते हैं. इसलिए महिलाओं को घूंघट के लिए कहा जाता है. मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन में स्थित प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में कई ऐसी रोचक परंपराएं हैं, जिनके बारे में श्रद्धालु हमेशा जानने को उत्सुक रहते हैं. ऐसी ही एक परंपरा भस्म आरती के दौरान निभाई जाती है, जब महिलाओं को 10 मिनट तक भगवान महाकाल के दर्शन की अनुमति नहीं होती. इसके पीछे बेहद रोचक कहानी है.

भस्म आरती में भगवान की एक ऐसी रोचक परंपरा निभाई जाती है, जो सुनने में भले ही अजीब है, मगर अनादि काल से चली आ रही है. जिस भस्म आरती के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु देशभर से आते हैं, उस भस्म से जब भगवान महाकाल को स्नान कराया जाता है, उस समय महिलाएं भगवान महाकाल का दर्शन नहीं कर सकतीं. महिलाओं को घूंघट निकालने को कहा जाता है. इसके लिए बकायदा पंडित और पुरोहित रोज नंदीहाल से उद्घोष करते हैं. यह जानकारी दी जाती है कि भगवान को भस्म से स्नान कराया जा रहा है और महिलाओं को अभी दर्शन करना वर्जित है. 10 मिनट तक भगवान महाकाल को भस्म रमाई जाती है उस समय महिलाएं दर्शन नहीं कर सकतीं. 

भगवान महाकाल शिव रूप से शंकर रूप में प्रवेश करते हैं अर्थात निराकार से साकार रूप में आते हैं. उस दौरान भगवान को भस्म रमाई जाती है. भगवान के अभ्यंग स्नान का दर्शन महिलाएं नहीं करतीं. उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से वस्त्र बदले जाते हैं, उसी तरीके से भगवान महाकाल निराकार रूप से साकार रूप में आते हैं. इसी वजह से कुछ मिनटों के लिए महिलाओं को घूंघट निकालने के लिए कहा जाता है.

What’s your response?
0 responses
Love
Love
0
Smile
Smile
0
Haha
Haha
0
Sad
Sad
0
Star
Star
0
Weary
Weary
0

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *