घोषणाओं की नाव चली योजनाओं की पतवार से
विधानसभा चुनाव की धमक के बीच इन दिनों पूरे प्रदेश में जो माहौल बन रहा है उसे देखकर लगता है योजनाओं के बखान और घोषणाओं के वादों से इतर किसी दल में कुछ नहीं हो रहा है। वर्तमान भाजपा सरकार जहां लाड़ली बहाना और मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना में जीत की राह देख रही है तो विपक्षी दल कांग्रेस के नेता भाजपा की ही योजना को अधिक राशि बढ़ाकर देने में सफलता हाथ लगती नजर आ रही है। कांग्रेस ने भी अपनी सरकार बनने पर युवाओं के लिए स्वरोजगार और कौशल विकास की घोषणा कर डाली। इससे मालवा-निमाड़ क्षेत्र के वे विधायक जो घोषणाओं की नाव में योजनाओं की पतवार लेकर ‘चुनावी वैतरणी‘ पार करने का स्वप्न संजोए बैठे हैं खासे परेशान हैं। क्षेत्र में अपने विरोधियों के तीरों का सामना करते-करते योजनाओं से उम्मीद नजर भर आती है कि विपक्षी नई घोषणा के साथ मैदान संभाल लेते हैं। सियासत की नदी में किस-किस की नैया पार होगी ये तो अब वक्त ही बताएगा।