सड़क हादसे के बाद वसूल सकते हैं डैमेज कॉस्ट?

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सबसे पहले तो ये जान लीजिए कि रोड एक्सीडेंट को लेकर कानून क्या कहता है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि, किसी भी सड़क हादसे की स्थिति मे भारतीय दंड संहिता की धारा 279 के तहत कार्यवाही की जाती है. यदि कोई भी व्यक्ति जो किसी भी सार्वजनिक रास्ते पर गलत ढंग से या लापरवाही से वाहन चला रहा है या सवारी कर रहा है, जिससे मानव जीवन को खतरा हो सकता है या अन्य लोगों को चोट लग सकती है, तो उसे इस धारा के अन्तर्गत कानून द्वारा दंडित किया जाएगा. इस धारा के तहत छह महीने तक की कैद, 1,000 रुपये का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है.

डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, रोड सेफ्टी का कहना है कि, किसी भी एक्सीडेंट की स्थिति में आईपीसी की धारा 279 में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए. मोटर व्हीकल एक्ट में इसके लिए सेक्शन 160 का प्रावधान है. जिसके तहत दुर्घटना में शामिल वाहन के विवरण प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी को शामिल किया गया है. इसके तहत दुर्घटना में शामिल वाहन की जांच की जाती है और सभी विवरण को पंजीकरण प्राधिकारी या एक पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी, द्वारा एकत्र किया जाता है.

धारा 279 – छह महीने की कैद या 1000 रुपये जुर्माना या दोनों। धारा 337- छह महीने की कैद या 500 रुपये जुर्माना या दोनों। ये धाराएं जमानती हैं। यदि आप एक मोटर दुर्घटना में शामिल हैं, तो आपके खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के तहत एक न्यायाधिकरण के समक्ष दावा दायर किया जा सकता है और प्रश्न में उल्लिखित धाराओं के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया जा सकता है। यह सलाह दी जाती है कि आप अदालत के बाहर मामले को निपटाने के लिए पुलिस और पीड़ित के साथ सहयोग करें।

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