इंदौर के भ्रष्ट अफसर की काली कमाई की कहानी
आय से अधिक प्रॉपर्टी बनाने पर इंदौर संभाग की जनपद पंचायत सेंधवा के तत्कालीन सीईओ लाखन सिंह राजपूत (65) को इंदौर कोर्ट ने दोषी माना है। कोर्ट ने 4 साल की सजा सुनाई और 2 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। 32 साल की नौकरी में उनकी साढ़े 23 लाख रुपए पगार का आकलन किया गया। इस दौरान लाखन सिंह ने 4.20 करोड़ रुपए की संपत्ति बना ली थी। उसने अधिकतर प्रॉपर्टी इंदौर में ही खरीदी थी। ये प्रॉपर्टी बेटे के नाम पर बनाई थी। 2011 में लोकायुक्त के छापे के तीन साल बाद बेटा लापता हो गया। जब लाखन को लगा कि बेटा नहीं लौटा तो संपत्ति बहू के नाम हो जाएगी। ऐसे में उसने बेटे के नाम से दूसरे युवक को खड़ा कर दिया और प्रॉपर्टी बेचने की साजिश रची।
जनपद पंचायत सीईओ बनने के बाद लाखन सिंह के हौसले बढ़ गए। लाखन सिंह ने बेटे के नाम से इंदौर में करीब 15 हजार वर्गफीट का प्लाट खरीदा। इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) का यह आवासीय सह व्यावसायिक प्लाट था। इसके बदले उसने IDA को 1.98 करोड़ रुपए चुकाए थे। इस सौदे से सभी हैरान रह गए। क्योंकि, लाखन की वेतन से इतनी कमाई थी ही नहीं। यहां से लाखन सिंह रडार पर आ गया था।