बता दें कि मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि राज्य को मलयालम में ‘केरलम’ कहा जाता है, लेकिन अन्य भाषाओं में यह अब भी केरल ही है. दरअसल, संविधान की पहली अनुसूची में राज्य का नाम केरल लिखा हुआ है और अब इसे केरल करने की मांग की गई है और आठवीं अनुसूची में नाम बदलने के लिए कहा गया है. साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि 1 नवंबर 1956 को भाषा के आधार पर केरल को अलग राज्य बनाया गया था और भाषा में नाम अलग है.  

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