रिमूवल गैंग की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी
राजवाड़ा क्षेत्र में सड़क और फुटपाथ पर अतिक्रमण और कब्जे के खेल के पीछे लाखों रुपए के कमीशन की बंदर-बांट प्रमुख वजह है। यही कारण है कि कई बार व्यापारियों द्वारा आवाज बुलंद करने के बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है।
कमीशनखोरी के छींटो से नगर निगम की रिमूवल टीम भी दागदार है। क्योंकि कार्रवाई के नाम पर हमेशा सिर्फ खानापूर्ति ही की गई। दलाल और अवैध रूप से दुकान लगाने वाले दुकानदारों के बीच नगर निगम से सेटिंग की खुलकर बात होती है और दलाल बकायदा बाजार में अलग-अलग जगह के रेट बताकर दुकान लगाने की खुली छूट देते हैं।
राजबाड़ क्षेत्र में फुटपाथ, चकरा और हाथ फेरी, ठेला लगाने के लिए रोजाना दलालों को एक तय राशि देनी पड़ती है। ये दलाल ही कमीशनखोरी का पूरा खेल खेलते हैं। इनमें प्रमुख रूप से 15 लोग शामिल है, जिसमें महिलाएं भी हैं।
अगर किसी को क्षेत्र में चकरा, हाथ फेरी, फुटपाथ दुकान लगाने के लिए चाहिए तो इनसे संपर्क करना पड़ता है। इनके क्षेत्र बंटे हुए है और क्षेत्र के अनुसार ये कलेक्शन भी करते हैं। रोजाना लाखों का हिसाब होता है। जिसका पैसा ऊपर से लेकर नीचे तक सब को बंटता है। लाखों रुपए की अवैध कमाई का यह खेल सालों से चल रहा है। पूर्व में नगर निगम की तरफ से कार्रवाई की गई। लेकिन वो भी औपचारिक ही साबित हुई। नगर निगम टीम के आने की सूचना तक लीक हो जाती है और इस जानकारी का शुभ-लाभ (कमीशन) अलग से होता है। रविवार को आम दिनों की तुलना में मार्केट में भीड़ ज्यादा होती है लिहाजा रेट में भी बदलाव हो जाता है।