हिंगोट’ युद्ध में बरसे आग के गोले

0

इंदौर जिले के गौतमपुरा इलाके में दिवाली के अगले दिन पड़वा पर पारंपरिक हिंगोट युद्ध खेला गया। तुर्रा और कलंगी दल के योद्धाओं के लड़े हिंगोट युद्ध में करीब 35 लोग घायल हो गए है। युद्ध लड़ने वाले दोनों दल इस युद्ध को पूर्वजों की धरोहर मानते हैं। युद्ध देखने के लिए रतलाम, उज्जैन, इंदौर सहित कई जिलों हजारों लोग पहुंचे। प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर रखे थे।इंदौर से 55 किलोमीटर दूर गौतमपुरा में बुधवार को देवनारायण भगवान के दर्शन के बाद तुर्रा गौतमपुरा और कलंगी रूणजी दल के योद्धाओं ने हिंगोट युद्ध लड़ा। इसमें 31 दर्शक और 15 योद्धा घायल हो गए। हालांकि कोई गंभीर घायल नहीं है। कोरोना के कारण दो साल युद्ध नहीं हो पाया था।गौतमपुरा गांव का हिंगोट युद्ध देशभर में प्रसिद्ध है। इसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं। शाम को दोनों दल के योद्धा जुलूस के रूप में अतिप्राचीन देवनारायण मंदिर पहुंचे। शाम करीब पांच बजे दोनों दलों के योद्धा उस्तादों के साथ मैदान में पहुंचे। इसके बाद उस्तादों ने युद्ध की घोषणा के रूप में हिंगोट छोड़ी। संकेत मिलते ही दोनों दलों ने एक-दूसरे पर हिंगोट से वार करना शुरू कर दिया। बचाव के लिए योद्धा हाथ में ढाल भी लिए हुए थे। इस दौरान 450 पुलिसकर्मियों का बल तैनात रहा।

What’s your response?
0 responses
Love
Love
0
Smile
Smile
0
Haha
Haha
0
Sad
Sad
0
Star
Star
0
Weary
Weary
0

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *