किस करवट बैठेगा ऊंट चुनावी मुकाबले में
इंदौर जिले की नौ विधानसभा सीटों पर चुनावी मुकाबले में ऊंट किस करवट बैठेगा, इसका अनुमान लगाने में राजनीतिक पंडित भी पसीना-पसीना हो रहे हैं। कई नई बातें चुनाव को इस बार अनोखा बना रही हैं। चुनावी राजनीति से खुद को दूर बताने वाले भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर क्षेत्र-एक की सीट से उतारना ही एक मात्र फैक्टर नहीं है। पहली बार दो ग्रामीण सीटों पर दमदार त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बनी है। साथ ही बीते विधानसभा चुनाव के परिणामों का अंतर भी ऐसा है जो उम्मीदवारों को सुकून नहीं लेने दे रहा। जिले की नौ में से सात विधानसभा सीटों पर 2018 में जीत का अंतर दस हजार वोटों से भी कम था। विधानसभा क्षेत्र दो में 71 हजार वोटों से ज्यादा और क्षेत्र चार में 49 हजार से ज्यादा वोटों की जीत ही बड़ी जीत थी। शेष सभी सात सीटों पर जीत का आंकड़ा 10 हजार से कम था। इसमें भी क्षेत्र पांच में सबसे छोटी जीत सिर्फ 1132 वोटों से हुई थी। मुख्य चुनाव में सांवेर की जीत सिर्फ 2945 वोटों की थी। राऊ की जीत सिर्फ 5703 वोटों की, तीन नंबर में जीत 5751 वोटों की, महू की जीत सिर्फ 7157 वोटों की एक नंबर की जीत 8163 वोटों की और देपालपुर की जीत सिर्फ 9044 वोटों की थी।