जेल में संजय को एनकाउंटर का डर था

जब संजय दत्त को आर्थर रोड जेल से पुणे की यरवदा जेल में ट्रांसफर किया जा रहा था, तब वो बहुत घबराए हुए थे। इतना ही नहीं वो डर से कांप रहे थे और पसीने से लथपथ हो गए थे। दरअसल, संजय दत्त की जेल ट्रांसफर की खबर मीडिया में फैल गई थी। उन्हें देखने के लिए बड़ी तादाद में लोग और मीडिया वाले जेल के बाहर जमा हो गए थे। इस भीड़ की वजह से संजय दत्त को डर था कि भीड़ में कहीं उनका एनकाउंटर ना हो जाए। इस बात का खुलासा पूर्व IPS ऑफिसर मीरां चड्ढा बोरवणकर ने किया है।
पूर्व IPS अधिकारी मीरां चड्ढा बोरवणकर ने मैडम कमिश्नर: द एक्स्ट्राऑर्डिनरी लाइफ ऑफ एन इंडियन पुलिस चीफ नाम से एक बुक लॉन्च की है। इस बुक में उन्होंने संजय दत्त के जेल के कुछ अनसुने किस्सों का खुलासा किया है।
दत्त को डर था कि वो ट्रांसफर के दौरान किसी एनकाउंटर में मारे जाएंगे। वो इतने डरे हुए थे कि उन्हें पसीना आने लगा था। उनका कहना था कि उन्हें बुखार हो गया है और वो दूसरे जेल नहीं जा पाएंगे।
इसी बीच उनके आर्थर रोड जेल से बाहर निकलने की खबर लीक हो गई और जेल के गेट के बाहर भारी भीड़ जमा होने लगी।
भीड़ की वजह से हमने इस ट्रांसफर को पोस्टपोन करने का फैसला किया। फिर दत्त से कहा गया कि वो इन चीजों पर ज्यादा ना रिएक्ट करें। उन्हें यह भी समझाया गया है कि एनकाउंटर के बारे में उनकी आशंका गलत है। कुछ समय बाद हम उन्हें आर्थर रोड जेल से पुणे की यरवदा जेल ले जाने में सफल रहे।