महू में पुलिस की गोली से घायल शख्स की कहानी
इंदौर के पास महू में आदिवासी युवती की मौत के बाद मचे बवाल में ऐसे शख्स को भी गोली लग गई, जिसका पूरा परिवार ही दो वक्त की रोटी के लिए भी संघर्ष करता है। ये है आदिवासी युवक संजय कटारे। संजय की जांघ से पुलिस की गोली आर-पार हो गई। वह इंदौर के एमवाय अस्पताल में भर्ती है। उसका पैर घुटने के नीचे से मूवमेंट नहीं कर रहा है। घर में बूढ़ी मां ने दुख में दो दिन से कुछ खाया नहीं है। घर के बाहर ओटले पर ही बदहवास हालत में बेटे के लौटने का इंतजार करती रहती है।
कंस्ट्रक्शन से जुड़ा काम करने वाला 22 साल का संजय…। इंदौर के पास महू में डोंगरगांव चौकी पर हुए पथराव के बाद पुलिस फायरिंग में एक गोली उसकी जांघ में जा लगी है। वह ठीक है, लेकिन पैर पहले जैसा काम करेगा या नहीं, यह सवाल है। वह पीथमपुर से मजदूरी कर लौट रहा था, तब यह फायरिंग हुई थी।
संजय की दो-ढाई साल पहले ही शादी हुई। पूरे परिवार के चेहरे पर हंसी बिखेर देने वाला एक साल का बेटा है। हर दिन शाम को काम से लौटते वक्त इसी बात को सोचकर आता था कि बेटा क्या कर रहा होगा…। इसके लिए रास्ते से ही एक-दो बार घर पर फोन लगा लेता था।
15 मार्च की शाम भी वह रोज की तरह अपनी मोटर साइकिल से पीथमपुर तरफ से महू होते हुए अपने गवली पलासिया आ रहा था। रात आठ बजे के बाद की बात होगी कि गांव के रास्ते में पड़ने वाली डोंगरगांव पुलिस चौकी के सामने जाम लगा हुआ था। संजय भी उसी में फंसा हुआ था और अपने दोस्तों के साथ था।
परिवार का दावा है कि उसे यह नहीं पता था कि पुलिस चौकी पर क्या चल रहा है। वह गाड़ी जाम में फंसने पर साइड से निकलने की कोशिश करने लगा। फिर गाड़ी खड़ी करके भीड़ को देखने लगा। देरी हो गई थी, इसलिए हमने उसे फोन भी लगाया पर उसका फोन नहीं लगा।
उसे भी पता नहीं था कि चक्काजाम क्यों चल रहा है और आगे गोलियां चलना शुरू हो गई हैं। इसी दौरान एक गोली उसे लगी जो जांघ के आर-पार कर गई। इसके बाद उसके दो दोस्त मोटर साइकिल पर ही बैठाकर उसे कच्चे रास्ते से घर तक ले आए और बताया कि उसे गोली लग गई है। इसके बाद वो चले गए।