बाल-बाल बची थीं विद्या बालन
विद्या बालन ने बताया कि उन्हें चेन्नई में किसी फिल्म डायरेक्टर ने अपने कमरे में बुलाया था, लेकिन सही समय पर उनकी ‘फीमेल इंस्टिंक्ट’ जाग गई और उन्होंने खुद को कास्टिंग काउच का शिकार बनने से बचा लिया। हालांकि, इसके बाद उन्हें फिल्म से हाथ धोना पड़ा।
फिल्म डायरेक्टर ने मिलने के लिए बुलाया था, क्योंकि मैंने फिल्म के लिए हां कर दी थी, इसलिए मैं डायरेक्टर से मिलने चली गई। हम कॉफी शॉप में मिले थे, लेकिन वो रूम में चलने पर जोर देने लगे। विद्या बोलीं- मैं बहुत, बहुत शुक्रगुजार हूं कि मैं इससे नहीं गुजरी, लेकिन मैंने ऐसी डरावनी कहानियां सुनी हैं। फिल्म इंडस्ट्री ज्वॉइन करने से पहले ये मेरे पेरेंट्स का सबसे बड़ा डर था। इस वजह से मेरे पेरेंट्स मेरे फिल्मों में काम करने से खुश नहीं थे।
मैं अकेली थी, इसलिए मैं समझ नहीं पाई, लेकिन मैंने एक स्मार्ट मूव लिया। जब हम कमरे में गए तो मैंने दरवाजा खुला छोड़ दिया। इसके बाद डायरेक्टर ने कोई जबरदस्ती नहीं की। इस तरीके से मैंने कास्टिंग काउच का शिकार होने से खुद को बचा लिया। डायरेक्टर ने कोई इशारा नहीं किया था, लेकिन मैं समझ गई थी कि मैं अनसेफ हूं। मुझे उस कमरे की वाइब सही नहीं लगी। फीमेल इंस्टिंक्ट इसी तरह काम करता है। हालांकि, इसके बाद मुझे फिल्म से हाथ धोना पड़ा।