मिथुन की गलती से मरते-मरते बचे थे ऋषि कपूर
1978 की फिल्म फूल खिले हैं गुलशन-गुलशन में ऋषि कपूर और मिथुन को साथ कास्ट किया गया था। शूटिंग शुरू होने से पहले जब डायरेक्टर सिकंदर खन्ना ने उनसे पूछा कि क्या तुम्हें कार चलानी आती है, तो फिल्म छिन जाने के डर से मिथुन बोल पडे़, हां मैं चला लेता हूं।
अब जो झूठ बोला था, उसे बरकरार भी रखना था। शूटिंग शुरू हुई, लेकिन अब यहां मिथुन को मामूली ड्राइविंग नहीं करनी थी। सीन कुछ ऐसा था कि मिथुन को तेज रफ्तार में कार ड्राइव करके ऋषि और मुकरी के सामने धीमी करनी थी, जिससे वो उसमें बैठ जाएं। सीन सुनने के बावजूद मिथुन ने नहीं बताया कि वो कार चलाने में कच्चे हैं। मिथुन ने एक्शन सुनते ही तेज रफ्तार में कार चलानी शुरू कर दी और तुरंत ब्रेक लगा दिया। अचानक लगे ब्रेक से सीन में कार में बैठने की कोशिश कर रहे ऋषि का मुंह बोनट से टकराया और तुरंत उनके मुंह से खून बहने लगे। अब ये झूठ छिप नहीं सका। बड़ा हादसा होते-होते रह गया। मिथुन ने माफी मांगते हुए बता दिया कि उन्हें गाड़ी चलानी नहीं आती थी। ये सुनकर डायरेक्टर सिकंदर ने उन्हें जोरदार डांट लगाई।