इंदौर । गत दिवस संतोष सभागृह में डॉ. अमित डेविड द्वारा निर्मित एक बेहतरीन लघु फिल्म लौटते बसंत का प्रेम गीत प्रदर्शित की गई फिल्म के लेखक ख्यात अर्थशास्त्री, कवि, उपन्यासकार स्व. डॉ. विनोद डेविड है l चालीस मिनट की इस फिल्म को प्रख्यात फिल्म एवं सीरियल निदेशक मुकेश रामाराव दुबे (सीआईडी, सावधान इंडिया; क्राइम पेट्रोल निर्देशक) ने निर्देशित किया है l फिल्म के मुख्य कलाकार राजीव सेठ तथा इंदिरा कृष्णन मुंबई है l फिल्म देखने के लिए शहर के कई लेखक, रंगकर्मी, चिंतक, विचारक एवं दर्शक आए जिन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में सभागार में ही फिल्म को खूब सराहा l एक और अच्छी बात यह है कि जहां पिता स्वर्गीय डॉ. विनोद डेविड ने फिल्म की कहानी लिखी वहीं उनके पुत्र डॉ. अमित डेविड प्राचार्य इंदौर क्रिश्चियन कॉलेज ने गीत संरचना की l फिल्म की संक्षिप्त कहानी इस प्रकार है …….. यह लघु फिल्म की कहानी लगभग 15 वर्ष पूर्व डॉ. विनोद डेविड द्वारा सृजित की गई थी “लौटते बसंत का प्रेम गीत” इस रचना को जीवंत रूप देने का प्रयास है l अकेलेपन को जीने के साहस के साथ सौम्या अपने पूर्ण जीवन को जी रही है l इधर जॉन लगभग इसी उम्र में अकेलेपन के एहसास से ग्रसित किंतु अनजान है l दोनों का किन्हीं परिस्थितियों में मिलना अपनी -अपनी समस्याओं और मानसिक एवं शारीरिक कमियों को समझते हुए अनायास ही एक दूसरे के प्रति प्रेम का एहसास ……… समाज की संकीर्णता और दोनों के व्यक्तिगत मानसिक अवरोधों के साथ कहां तक एक दूसरे के जीवन में सामंजस्य पैदा कर सके………….। फिल्म पटकथा संयोजन में सहायक निर्देशक फिल्म आर्टिस्ट मुस्कान अस्थाना की विशेष भूमिका रही है l फिल्म में संगीत प्रणय प्रधान फोटोग्राफी अनिकेत धोगले ,
संपादन कुमार गौरव, रिकॉर्डिंग साउंड डिजाइन रवि ऊंटवाल तथा ग्राफिक निलेश आर. दुबे मुंबई का है l

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