घट स्थापना दुर्गा पूजन सामग्री

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गंगाजल, रोली, मौली, पान, सुपारी, धूपबत्ती, घी का दीपक, फल, फूल की माला, विल्वपत्र, चावल, केले का खम्भा, बन्दनवार के वास्ते आम के पत्ते, चन्दन, घट, नारियल, सयौंषधि हल्दी की गांठ, पंचरल, लाल वस्त्र, पूर्ण पात्र (चावल से भरा पात्र), गंगा की मृत्तिका, जौ (जव), बताशा, सुगन्धित तेल, सिन्दूर, कपूर, पंच सुगन्ध, नैवेद्य के वास्ते फल इत्यादि (पंचामृत), दूध, दही, मधु, चीनी, (पंचगव्य ), गाय का दूध, दही, घी, दुर्गा जी की स्वर्ण मूर्ति अथवा मृत्तिका की प्रतिमा, कुमारी पूजन के लिए वस्त्र, आभूषण तथा नैवेद्यादि, अष्टमी में ज्योति पूजन के वास्ते उपरोक्त सामग्री। डाभ, घृत, गंगाजल ।

शास्त्रों के अनुसार, नवरात्रि में घटस्थापना सुबह के समय करना अत्यंत फलदायी माना जाता है लेकिन, इस बार सुबह चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग होने के कारण सुबह के समय घटस्थापना नहीं की जा सकती है। लेकिन, चित्रा नक्षत्र के दो चरण पूरे हो जाने के बाद आप घटस्थापना की जा सकती है। पंचांग के अनुसार, 15 अक्टूबर को अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना की ऐसे में सुबह 11 बजकर 44 मिनट से घटस्थापना शुरु होगी।

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