चोटी-जनेऊधारी नंगे पांव ब्राह्मण निकलता है तो वह साक्षात भगवान का रूप होता है।
बॉलीवुड ब्राह्मणों के लिए नर्क की दुनिया है, जो ब्राह्मण समाज व धर्म-संस्कृति को बर्बाद कर रहा है। ब्राह्मण कलाकारों को तत्काल फिल्मी दुनिया छोड़ देना चाहिए। ये सलाह ब्राह्मणों को मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अफसर नियाज खान ने अपनी आने वाली एक किताब में दी है। उनकी एक किताब आ रही है जिसका नाम ‘ब्राह्मण द ग्रेट’ है। अभी यह अंग्रेजी में आएगी, इसके कुछ दिनों बाद इसका हिंदी संस्करण भी आएगा।
उन्होंने इस किताब में लिखा है कि जब-जब सड़क पर चोटी-जनेऊधारी नंगे पांव ब्राह्मण निकलता है तो वह साक्षात भगवान का रूप होता है। अपने बयानों और किताबों को लेकर विवादों में रहने वाले नियाज की यह सातवीं किताब है। इस किताब को लेकर राजनीतिक व प्रशासनिक गलियारे में खूब चर्चा हो रही है। वह भी इसलिए, क्योंकि यह किताब आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान के बाद प्रकाशित होने जा रही है, जिसमें उन्होंने कहा था कि जाति भगवान ने नहीं बनाई है, जाति पंडितों ने बनाई जो गलत है। भगवान के लिए हम सभी एक हैं।
खान किताब में लिखतें हैं कि जिन्होंने ब्राह्मण योनी में जन्म लिया है, उसे अपने नाम के आगे अनिवार्य रूप से ‘ब्राह्मण’ लिखना चाहिए, पंडित नहीं। वे कहते हैं कि ब्राह्मणों का इतिहास गौरवान्वित करने वाला है। अनुमान लगाया जा रहा है कि यह किताब कई लोगों के गले नहीं उतरेगी।
नियाज खान का कहना है कि ब्राह्मणों ने इस देश के लिए बहुत कुछ किया है। उनका आईक्यू (IQ) जबरदस्त है। मैंने कई वेद और पुराण का अध्ययन किया है। इसके बाद मैंने यह किताब लिखी है। वे कहते हैं कि अगर मेरे सामने एक तरफ चोटी-घोती पहने जनेऊधारी गरीब ब्राह्मण खड़ा है और दूसरी तरफ अडाणी, अंबानी, टाटा या बिड़ला हैं, तो मैं सबसे पहले ब्राह्मण को गले लगाऊंगा, क्योंकि ब्राह्मण धन से बहुत ऊपर है। वह सच्चे मन से धर्म का प्रतिनिधित्व कर रहा है। नियाज कहते हैं कि उन्होंने खान सरनेम की वजह से बहुत कठिनाइयां झेली हैं। इसमें कई दिक्कतें हैं।