नकली डीएसपी होटल कारोबारी को कर रहा था ब्लैकमेल
इंदौर में खुद को डीएसपी बताकर लोगों से पैसे ठगने वाले एक युवक को पुलिस ने पकड़ा है। आरोपी युवक ने पुलिस महकमे में होटल कारोबारी का काम निपटाने के बदले 50 लाख रुपए मांगे थे। क्राइम ब्रांच ने आरोपी के साथ एक अन्य युवक को भी पकड़ा है। उसने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
होटल कारोबारी के व्हॉट्सएप पर पुलिस के सरकारी नंबर से एक एडिटेड वीडियो रिसीव हुआ। इसमें युवक की जगह होटल कारोबारी का चेहरा लगा था। घबराए होटल कारोबारी ने अपने इंदौर के दोस्त कमल मेहरा को पूरा वाकया बताया। चूंकि पुलिस का सरकारी नंबर था इसलिए कमल ने कहा मेरा एक दोस्त अशोक तिवारी डीएसपी है। वह इस मामले को निपटा देगा। अशोक तिवारी ने पूरा मामला निपटाने के बदले ढाई करोड़ रुपए मांगे। व्यापारी ने हां कह दी तो पहली किश्त के रूप में कमल और अशोक ने 30 लाख रुपए ले लिए। एक सप्ताह बाद अशोक तिवारी ने होटल कारोबारी से 50 लाख रुपए की और डिमांड की। कहा, कि हमने उस आदमी का एनकाउंटर कर दिया है, जिसने तुम्हें यह वीडियो ब्लैकमेल करने के लिए भेजा था। चूंकि हमें ऊपर भी अफसरों तक पैसा पहुंचाना है इसलिए 50 लाख रुपए की व्यवस्था करो।
कारोबारी ने उसके आसपास के दिनों के न्यूज पेपर खंगाले लेकिन किसी तरह के एनकाउंटर की कोई खबर नहीं मिली तो उसे शक हुआ। होटल कारोबारी ने इंदौर आकर क्राइम ब्रांच के डीसीपी निमिष अग्रवाल से मुलाकात की। पूरा घटनाक्रम बताने के बाद पुलिस के कहने पर कारोबारी ने अशोक तिवारी को पैसे देने का कहकर अपनी विजय नगर स्थित होटल में ही बुलाया। जैसे तिवारी पहुंचा क्राइम ब्रांच ने उसे पकड़ लिया। पुलिस ने इस मामले में अशोक तिवारी, कमल मेहरा और वीडियो भेजने वाले पुलिसकर्मी को आरोपी बनाया है। अशोक और कमल की गिरफ़्तारी हो चुकी है। जबकि वीडियो भेजने वाले पुलिसकर्मी की पहचान होना बाकी है। इसके बाद उस पर भी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने आरोपी से 12 लाख रुपए बरामद कर लिए हैं। बाकी के 18 लाख कहां खर्च हुए इसके बारे में पुलिस पूछताछ कर रही है।