फूलों की सियासत’ जख्म देती है
जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं नए-नए सियासी दाव-पेंच भी सामने आ रहे हैं। अब हाल ही में इंदौर में हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के कार्यक्रम को ही लीजिए। मोदी सरकार के नौ वर्ष पूर्ण होने पर सरकार की उपलब्धियों और योजनाओं पर बात करने केंद्रीय मंत्री इंदौर आई थी। इंदौर लोकसभा क्षेत्र का आयोजन होने से नगर और ग्रामीण क्षेत्र के पदाधिकारी अपेक्षित थे। प्रबुद्धजन से संवाद और बास्केटबाल कांप्लेक्स में आयोजित कार्यक्रम में ग्रामीण क्षेत्र के पदाधिकारियों की दूरी की चर्चा चल ही रही थी कि कार्यकर्ताओं का ध्यान स्टेडियम में लगे पोस्टरों-बैनरों पर चला गया। उनमें न राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय नजर आ रहे थे न महापौर पुष्यमित्र भार्गव। नगरीय आयोजनों में ग्रामीण भाजपाइयों और बड़े नेताओं की उपेक्षा का मुद्दा अब धीरे-धीरे तूल पकड़ता नजर आ रहा है। फूलों की सियासत से मिलने वाले जख्म आखिर कोई कब तक सहेगा।